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पडता है. प्यारे भाई और भगिनीयो ! याद रखो कि शुद्ध देव गुरु धर्मकी परीक्षामें अच्छे अच्छे जन भूल खाते हैं, बडे झोहरी चौकसी-कसोटीगर भी भूल खाते हैं, बडे पुराणी, वेदके जानने पाले, और काशी भी भूल खाते हैं. अरे वडे देव दानव और राजा महाराजाभी भूल खा जाते हैं। वास्ते कुल जीवनके सारभूत अति उपयोगी अमूल्य धर्मकी परीक्षा करनेमें गफलत नहीं करनी. तुम तुंगीआ नगरीके श्रावकोंकी वात यादीमें लाओ, और ज्यौं वन सके त्यौं तुरंत अपने अपने उचित आचार विचारमें सुदृढ़ हो जाओ. तुम सभीजन सद्गुरुसेवामें रसिक होकर जो सद्गुरु वનરેશી વિદ્યમાન સામગ્રી છો જા મની મુનવ ગામતિઉં છું विचरकर धन्य मानते हैं उन्होंका पापी संग छोड दो; क्योंकि वैसे
श विडंबकोंको पुष्टि देनसें तुम फर पापकोही पुष्टि देकर अनर्थ बढाते हो. अगाडी हो गये हवे श्रावकोत्तम श्रावक श्राविकाओंके चरित्र याद करो ! श्री श्रेणिक राजा अभय कुमार मंत्रीश्वर तथा सुलसा श्राविकाकी तरह शुद्ध देव गुरु धर्मकी परीक्षामें चतुर वन जाओ, जिस्से ठगाये बिगर स्वस्व उचित आचारोंमे चिरकाल सुदृढ रहकर आखिरमें श्रीसर्वज्ञ आज्ञाकों सम्यग् आराध लेके सहेलाइसें सद्गति साध सको. .
अपने अपने व्रतमें दृढता करनेके वास्ते श्रीसूर्ययशा प्रमुखके चमत्कारीक दृष्टांतोंका पुनः पुनः स्मरण करते रहो, और श्री भर इसर बाहूबली वगैरमें वर्णन किये गये उत्तम शीलादिक असंख्य