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"हिन्दू": एक अन्तरन्ग विश्लेषण
भारत हिन्दुओं का देश है । उसको संस्कृति भारतीय संस्कृति है जिसे हिन्दू संस्कृति भी माना गया है। हिन्दू कौम ? इस सन्दर्भ में विनोबा भावे ने लिखा है - . 'योवर्णाश्रम निष्ठावान गोमत, श्रतिमातृकः ।
मूर्तिचनाव जानाति सर्व धर्म समादरः ।। उत्प्रेक्षते पुर्नजन्म तस्मान्योक्षणमी हते ।.
भूतानुकूल्यं भजते सर्वे हिन्दूरीति स्मृतः ।। हिंसयात दूयतेचित्तं तेनहिंदूरितीरितः ।। १. .
जो वर्णी और आश्रमों की व्यवस्था में निष्ठा रखने वाला, गोसेवक, श्रुतियों को माता की भांति पूज्य मानने वाला तथा सव धर्मों का आदर करने वाला है, देवमूर्ति की जो अवज्ञा नहीं करता, पुर्नजन्म को स्वीकार करता है तथा उससे मुक्त होने की दिशा में सचेष्ट है, जो सदा सब जीवों के अनुकूल वर्ताव को अपनाता है, वही हिन्दू माना जा सकता है। हिंसा से . उसका चित्त दुखी होता है, इसलिये उसे हिन्दू कहा गया है।
हिन्दू शब्द और उसके सम्बोधन की भौगोलिक पृष्ठभूमि पर इससे पूर्व भी चर्चा की जा चुकी है तथापि यहां पुनः ये । संकेत देना अप्रासांगिक नहीं है कि सिन्धु नदी के इस तट पर पूरे क्षेत्र में रहने वाले लोगों को क्रमशः सिन्ध और हिन्दू जैसा १-कल्याण-हिंदू संस्कृति अंक-पृ० ६२