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( २८ ) है | भगवान महावीर के शासनकाल में 'हरिकेशी' जैसे चाण्डल मुनि वने और अपनी साधना के उत्कर्ष से देवताओं के पूज्य कहलाए | जैन मत बहुत प्राचीन है । अनुऋति के अनुसार इस मत के आदि प्रवर्तक ऋषभदेव थे । उनका उल्लेख ऋग्वेद, यजुवेद, विष्णुपुराण, श्रीमद्भागवत यादि प्राचीन ग्रन्थों में भी मिलता है | इन्हें ग्रादिनाथ स्वामी भी कहते हैं ।
राजा भीमसेन का पौत्र और श्री गुन्ज का पुत्र उत्पल कुमार ने अपने बाहुबल और ग्रतुल पराक्रम से प्रोसियानगर (जोधपुर) में अपना राज्य स्थापित किया । यह पूर्व में वंश पर - म्परानुसार वाममार्गी था । अन्त में यह जैनाचार्य के उपदेश से जैन धर्मी हुग्रा, इसके साथ ही ३६ कुल के ( सवालाख ) राजपूतों ने जैन धर्म स्वीकार किया ।
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एक राष्ट्रीयता के अन्तर्गत किसी विभिन्न [ संस्कृति के अविच्छन्न स्रोत के रूप में निवास करने वाले समस्त जनसमुदाय का एक सार्थक सम्बोधन राष्ट्रीयता सूचक भौगोलिक ऐसे शब्द भी हुआ करते हैं, जो उनकी समस्त विशिष्टता को विश्व की ग्रन्थ नितान्त भिन्न संस्कृतियों से अलग कर सके । इसी संदर्भ में चूंकि हम एक विशाल भारत या हिन्दुस्तान के नागरिक हैं, उनकी समग्र संस्कृति हमारी संस्कृति है, इसलिए हम हिन्दू हैं ।
'हिन्दू' किसी जाति या धर्म का वाचक कभी नहीं रहा, संस्कृति के समग्र भौगोलिक परिवेशा के वाचक इस शब्द 'हिन्दू' को, ग्रतः किसी निश्चित साम्प्रदायिक से जोड़ना नितान्त पपूर्ण और भ्रामक है । साम्प्रदायिक कट्टरता भारत का जितना ग्रहित हुआ चोर हो रहा है, वह किसी से
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