________________ अध्ययन में सर्वप्रथम जिस बात के ज्ञान की आवश्यकता है वह यह है कि वह कौन व्यक्ति है जिस पर यह विधि लागू होती है अर्थात, हिन्दू कौन है ? दूसरे उसकी व्यक्तिगत विधि का क्षेत्र क्या है ? हिन्दू शब्द विदेशियों का दिया हुआ है और इसकी उत्पत्ति सिन्धु शब्द से हुई है। हिन्दू शब्द से तात्पर्य नदी के पूर्व के रहने वाले लोगों से था / इस प्रकार यह शब्द एक राष्ट्रद्योदक शब्द था, किसी जाति अथवा सम्प्रदाय का वोधक नहीं था। वास्तव में हिन्दू कहे जाने वाले लोगों में जो एकता है वह एक सांस्कृतिक एकता है / इसलिए अनेक विद्वानों ने 'हिन्दू' शब्द को धर्म का वाचक न मान कर संस्कृति का वाचकं माना विधि को हिन्दू धर्मावलम्बियों की विधि समझना भ्रामक है / वस्तुतः हिन्दू विधि में हिन्दू शब्द से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो या तो आदितः भारतीय ह अथवा ऐसे धर्म या मत के अनुयायी हैं जिसकी उत्पत्ति भारत की है। ___इस प्रकार हिन्दू विधि के उपरोक्त संदर्भ में भी यह कहना असंगत न होगा कि मूलत: वैष्णव और जैन दोनों ही सम्द्रदाय आज भी सांस्कृतिक तथा अन्य स्तरों पर एक हैं और उनमें विमेद पैदा करने के सारे तर्क बहुत हद तक सायास हैं, सहज.नहीं। PRIN २-हिन्दू विधि : प्रो० विजय नारायण मण्ण त्रिपाठी-विधि विभाग प्रयाग विश्व विद्यालय-पृ० 1