________________ जैनों में हिन्दू वेश-भूषा, भाषा और साहित्य है वेश-भूषा से आदमी का धर्म, जाति, देश और संस्कृति सव __ कुछ स्पष्ट हो जाता है। जैनों की वेश-भूषा भारतीय है। पुरुषों द्वारा पहनी हुई धोती, कुर्ता, जाकिट, सलूका, बंडी, दुसाला व दुपट्टा साफा और पगड़ी आदि, जैन नारियों द्वारा पहने हुए लहंगा (घाघरा) ओडनी, चोली(कांचली), साड़िये, ये सब भारतीय प्रत्येक समाज व जाति का पहनावा रहा है जिसे हिन्दू पहनावा ही कहा जाता है। जैनों में अपनी प्रान्तीय भाषा के साथ-साथ हिन्दी जो हमारी मातृ-भाषा है, पूर्ण रूपेण उसको व्योहार में लाते हैं और उससे प्यार करते हैं / वेप-भूषा व भाषा से ही संस्कृति का सम्बन्ध माना जाता है / जैनों के मूल धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत व प्राकृतिक भाया में ही लिखे गए हैं जो भारतीय मूल भापा ही कहलातो है जिनका अर्थ-भावार्थ हिन्दी भाषा द्वारा ही लिखा गया है। निष्कर्ष यह निकलता है कि वेष-भूषा, भाषा और साहित्य से ही देश का धर्म, संस्कृति और जातीय आदर्श जुड़े हुये हैं।