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वैष्णव राजवंशों द्वारा जैन धर्म
को संरक्षण
वहुत से भारतीय वैष्णव राजवंश ऐसे भी थे, जिन्होंने जैन धर्म को संरक्षण दिया। १. तमिल देश के प्रमुख राजवंशों के अनेक राजाओं और रानियों से जैन धर्म को निरन्तर संरक्षण और सम्पोषण प्राप्त होने का उस्लेख मिलता है । जिसमें पल्लव राजवंश के महेन्द्रराज वर्मा प्रथम का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। २. महान चोल राजवंश के शासकों की भी जैन समाज और जैन धर्म के प्रति गहरी आस्था के संकेत मिलते हैं। चोल शासन पद्धति में ऐसे अनेक गांवों का उल्लेख है जिनमें जैन धर्म के अनुयायी रहते थे और वे ही उनका प्रबन्ध करते थे । इसमें लाट राजवीर चोल और उनकी रानी लाटमहादेवी का नाम उल्लेखनीय है। ३. पूर्वीय चालुक्यवंश के सदस्यों से भी जैन धर्म को प्रारम्भ से ही संरक्षण मिला । इस राजवंश का शासक विजयादित्य षष्ठ उपनाम अम्म द्वितीय जैन धर्म का महान हितैपी था।' ४. वरंगल के काकतीय शासकों से भी जैन धर्म को सहायता
१-दक्षिण भारत में जैन धर्म-पृ० ४५, ६६