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________________ .. 93 04. Syat X does not have the property a. 51 Syat x does not have the property b. यदि वस्तुओं में एक गुण है तो द्वितीय नय वाक्य स्यात् वस्तु x में b गुण है यह कथन आशिक होते हुये भी ताकि दृष्टि से सत्य है । किन्तु यदि वस्तु मैं b गुण नहीं है तो चौथा नय बाय स्यात् धस्तु मैं b गुण नहीं है तार्किक दृष्टि से सत्य होगा जबकि प्रत्येक नयामक कपल को शिशिष्ट दृष्टिकोण से क्यों कि सत्य माना जाता है लिए उपयुत्त ताकि दृष्टि से असत्य कथन को सत्य माना जायेगा। ती पुकार, नय वाक्य के कुछ और उदाहरण देखें - 068 x ham the property a. 174 Syat x has the property a. tol * doas not have the property . 19 Syat xdoms not have the property b. स्पस्ट है कि प्रमाण वावध || के सत्य होने पर ताकिक रूप से दूसरे और पौधे वाक्य सत्य होगे किन्तु जैन दृष्टि से यह कथन दुर्नय माने जायेगें क्योंकि इनके पहले स्यात् शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। जब एक वस्तु x में ति स्म से एक गुण है तो इस कथन में कि स्यात् x मैं 4 गुण है इस नय वाक्य के सत्य होते हुए भी इसकी सार्थकता क्या है: शानमीमाता मैं अलग से इसके उल्लेख की पया आवश्यकता है' तथा जब वस्तु x में a. b.c, dte आदि गुण हैं जो स्यात् ४ में है गुण नहीं है, चाहे एकान्तवादी दृष्टि से ही क्यों न सत्य माना जाये ताकि दृष्टि से सत्य नहीं माना जा सकता।
SR No.010238
Book TitleJain Gyan Mimansa aur Samakalin Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlpana Agrawal
PublisherIlahabad University
Publication Year1987
Total Pages183
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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