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________________ प्रशस्ति संग्रह में उल्लिखित ग्रन्थ २७ १.२ ११, ३५ २२,७७ अंबादेविरासत अपंगचरिउ पशुपेहा अणुवयरयणपईव (अणुव्रतरत्नप्रदीप पशुवेहा (अनुप्रेक्षा) प्रमियाराहणु (अमृताराधना) परिदृणेमिचरित कंदप्पचरिउ (कंदपंचरित) चंदप्पहपरिउ (चन्द्रप्रभचरित) छक्कम्मुवएस छइंसापमाण जहणेंदु (वायरण-व्याकरण) जंबूसामिचरित (जंबूस्वामिचरित) जयषवलु जसहरचरिउ (यशोधरचरित) जिणपूयपुरंदरविहि जीवंधरचरिउ जोयमाणु माणपईव (ध्यानप्रदीप) रावकार लेमिचरित (हरिवंशपुराण) गमिचरियं लेमिजिरिंणदचरिउ लेमिणाहहो चरिउ, मिह परिउ तेसट्ठिपुराण (महापुराण) तेसद्विपुरिसरयणायरु (महापुराणु) घणकुमार (चरिउ) पणकुमारचरित धनयत्तचरित धम्मपरिक्स (क्सा) धम्मपरिक्खा धम्मोवएस धर्मचरितटिप्पण ६ धवल (अन्य) ११ पंचमिचरियं ३५ पंडवहिचरिउ ३१ पउम चरित ११ पज्जुण्ण चरित ११ पज्जुष्णहो चरित ८९ परमिट्ठिपयासु ३५ पासचरिउ (पाश्वचरित) ११, ३५ पासजिणेदह चरित १४ पासहो (पासणाह) चरिउ ३५ पासपुराण (पार्श्वपुराण) ३५ पिंगल (पिंगलाचार्य) . ६ पोमचरियं १२, १७, २७, ३५ बलहद्दचरिउ १४, ८६ बलहद्दपुराण १५ बहुकहाणा (विविधकथाएं) ___ भरहहु सेणावइचरित १३४ भारह (भारत) पुराण १४ महाघवलु ११, ३५ महापुराण २ महाबन्ध (सि० ग्रन्थ) २ मेहेसर चमुवइचरिउ ७१ रयणकरंडु णाम १४ रिटुणेमिचरिउ ४३ वड्डमाणजिणचरिउ (वर्षमानजिनचरित) ४ वरंगचरिउ ६५ वित्तसार ६१ वीरकह (वीरकथा) ६५ वीरहोचरिउ ३५ वीरजिरिणदचरिउ (वीर जिनेन्द्रचरित) ५ सिद्धचक्ककह (सिद्धचक्रकथा) ११२ सिद्धचक्कविहि १४ सुदंसपचरिउ १४ सुलोयणचरित ८८, १०२ ६, ११ ३, ६५
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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