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________________ १६० ] चन्द्रकीर्ति (संघाचार्य) चन्द्रसेन छीतु (पंडित) जगकीति बड (टिल मनि मुनि (जटासिंह नन्दी ) जयकित्ति ( जयकीर्ति) जयदेव जयपाल जयमित्रहल (हल्ल कवि) जयसेन किवि बसइंषु जसकिति (यशः कीर्ति) जिनचन्द (भट्टारक) जोईदास (जोगीदास ब्रह्मचारी) जोगदेव पंडित ठाकुर कवि ठाकुरसी वोर सेवा मन्दिर ग्रन्थमाला डूंगर पंडित नरदेव नरसिप ५६ Y, 55 ११८ १३० ११ ३५ २७ २५ १२ जसबि.सि ( मुनीन्द्र ) जसकित्ति रिसि (ऋषि यशः कीर्ति) जसमुनि (यश: कीर्ति मुनि) जिनसेन (पुत्राट संघीय) जिनसेन जिनसेन (प्रादिपुराणकर्ता) ८, १६, २५, २७, ३८,८८ जिनचंद गरिए ११२ १२६, १२७, १३० १३१ १२ ११०, १११ २५ ३, ४०, ४५, ५१, ६३, ६७, ६८, ७०, ७३, ७७, ६०, ६४, ८६ ११३, ११४ ११६ ४३ ११, १२, १३, १५, ४१ ४ तिहुम्रण सयंभु ( कवि स्वयंभूपुत्र) तेजपाल कवि त्रैलोक्यनन्दी ( गुरु माणिक्यनंदी) दंडी (कवि) ६० सारसे (नरहेब) १०७ गौरव किति (नरेन्द्र कीर्ति) ११९, १२० १२१, १२२ मिचंद मिषु (चन्द्र) तिहअन किसि (freचनकीति) दरगहमल्स दामोदर कवि दामोवर (दामोदर) दिनकर सेन दिनकर सैन (अनंगचरित कर्ता) देवद (देवचंद) देवकीर्ति मुनि देवचन्द देवद (कवि) देवनंदि देवनंदिगणि (जैनेन्द्र व्याकरण कर्ता) देवसेन गरणी देवसेन देवसेन मुनि देविद कित्ति (देवेन्द्र कौति) दोण (द्रोण) द्रोण कवि धनदत (कवि) धनंजय कवि धनपाल कवि धणवाल (धनपाल) धम्मसेणु (धर्मसेन) १११ १२९ १२० धर्मकीर्ति चर्मचंद ४३ ३५ धर्मसेन धरणंद (मुनि) धीरतेन धीरसे (कवि पवर्ती . बलेन ११३ नंदिमित्र ११० नयनन्दी मुनि १, २, ५०, ५४, १२४, १ ११२, ११४ भवपान २, ܐ 1 १२ ११, ३ ६ २ २ ८, १३ 1 ११, ३५, ३८, ५६, ८ ५६ १० ४१, ४३,६७,७७ २० ११२, ११४ ३५ १२, १७ ११ २७ ३२, ३७ ૪ १० ५ १४ १२८ १२, ४१, ४३ ११, ३५ ८२ १२ २, १२ १, ४, २३, २६ १०
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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