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बीरसेवामन्दिर-ग्रन्थमाला
तहिं साहि सिकंदर सामिसालु,
बार-यणह णं उप्पत्ति-खाणि, णिय पइ पालइ परियण भयालु ।
जा वीणा इव कलयंठि वाणि । तं रज्जि वसइ वणिवरु पहाणु,
सोहग्ग-रूव-चेलणि य दिछ, दुक्खिय-जण-पोसणु गुण-णिहाणु ।
सिरि रामहु सीया जिह वरिष्ठ । जो अयरवाल कुल-कमल-भाणु,
सहि वीर उवण्णा रयण चारि, सिंघल-कुवलयहु वि सेय-भाणु ।
णं णंत चउक्क सुरूव-धारि । मिच्छत्त-वसण-वासण विरतु,
तम्मजिम पढमु वियसियसुवत्, जिण-सासणि गंथह पाय-भत्तु ॥
लक्खण-लक्खंकिउ बसण-चत्तु ॥ चउरिय णाम चीमा सतोसु,
अतुलिय-साहसु सहसेकणेहु, जो वंसह मंडणु सुयण-पोसु ।
चाएण कएणु संपइहिं गेहू । तं भामिणि गुण-गण-सील-खाणि,
धीरें गिरि गंभीरें सायरु, मल्हाहीण.में महुर-वाणि ॥
णं धरणीधरु णं रवि-ससि सुरु । तं णंदणु णिरुवम गुण णिवासु,
णं सुरतरु पइ पोसणु सुहहरु, चउधरिय करमचंदु अरुहदासु ।
पं जिणधम्मु पयदु थिउ वसु वरु । जिणधम्मोवरि जें बद्धगाहु,
जिं णियजसि पूरिय दाणि महिं, णिव हियह पुरयण शाहु॥
जो णिव सुह पालउ सुयणसुहि ॥ जिण-चरणोदएण वि जो पवित्,
दिउराजु णामु चउधरिय सुर्हि, मायम-रस-रत्तड जासु चित्तु ।
जिणधम्म-धुरंधरु धम्मणिहि । उद्धरित चडम्विह-संघभारु,
विण्णाण कुसमु बीयउ सुपुर, पायरिउ वि सावय-चरिउ चार ॥
जो मुणइ जिणेसर धम्मसुत्तु । पउदावंतु णं गंध-हरिथ,
सुपवीणराय-वावार-कज्जि, वियरेह णिच्च जो धम्म-पंथि ।
गंभीरु जसायरु बहुगुणिज्ज । सम्मत्त-भयण-लंकिय सरीरु,
माझू चउधरिय विसुद्ध भाइ, कणयायलु ग्व णिक्कंपु धीर ।
जो णिव-मणु रंजइ विविह भाइ। सुहि परियण-कहरव-वहिं इंसु,
अण्णु वि तीयउ रिसिदेव भत्त, जिणवर-सहमज्में लद्ध-संसु ।
-गिह-मार-धुरंधरु कमल-वत्तु । तं भामिणि दिउचंदहि मियच्छि,
चुगनाणामें चउधरिउ उत्तु, जिण-सुय-गुरु भत्तिय सील सुच्छि।
जो करह णिच्च उवयारु तः ॥ तं जायउ दणु सील खाणि,
पुणु चउघड णंदणु कुल-पयासु, चउमहणा णामें अमिय-वाणि ।
अवगमिय सयल-विजा-विलासु । धण-कण-कंचणु-संपुरण संतु,
जिण-समयामय-रस-तित्त चित्त, पंडियह वि पटियगुण-महंतु ॥
छद्राणामें चउरिय उत्तु ।। दुहि-यण-युह-गासणु बुह कुल-सासणु जिण-सासण-ह-पुर-धवलु एचड भाइय जिणमा-राइय, दिउराजुणामु गरुवड ! विज्जा बच्छी घर रूवें गयरु मह णिसु किण विह उद्धरण४ बाणासुह विलसह कइयण पोसहणियकुल कमलज्जु पहा तं पणइणि-पणइ-णिव-देह,
भरणहि दिणि जिणवर गंथदत्यु, गामें खेमाही पिय-सणेह।
सम्मत्त-यण-लंकयहि पत्थु । सुर-सिंधुर-गह सहवा-विखील,
गड अरुह-गेहि दिउराज साहु, परिवार पोलमा सडसील
परचारिय रायरंजणपयाहु ।