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________________ जैनग्रन्थप्रशस्ति संग्रह शिव 9 mm शान्ति कवि ६० श्रीपाल चक्रवर्ती ६७ शान्तिदास ६१ श्रीपाल ब्रह्म (प्राचार्य) १०६,१०७ शान्तिनाथ (१६ वें तीर्थकर) १११,१३० श्रीबालपुर शान्तिनाथ चरित्र १२४,प०३-१३७ श्रीमालकुल शान्तिषण श्रीमती (सिंहल द्वीपकी राजपुत्री) शाबर श्रीवल्लाल (मंत्री जाहड नरेन्द्र) भारङ्गधर श्रीषेण लिभद्र (जीव उद्योत कर्ता) ६५,७६ श्रीसेना (रानी) शाहजहाँ (बादशाह) १२६,१२७ श्री हर्ष (हर्षवर्धन राजा व कवि) ५०,६३,६८,७२ शिवकुमार श्रुतिकीति ६३,१२२,१२३,१३६ शिवकोटि मुनीन्द्र श्रतकीर्ति (भट्टारक) प०२-१३७ श्रुतसागर (ब्रह्म) १२१,१३४ शिवक्षस (साहु) श्रेणिक (राजा) २०,५६,५७,८६,१०० श्रृंगारदेवी शिवदेवी (रानी) शिवनंदि शृंगारमती (राजकुमारी) ६८ शिशुनागवंश शृगारवीर महाकाव्य प०३-१३८ श्वेताम्बर ७६ षट्कर्मोपदेश १६,१०१ शुभचन्द्र ६३,९८,१२६,१३० षड्दर्शन प्रमाण प्रत्य ७६,६० शुभचन्द्रदेव १२८ षोडशकारण जयमाला १०२,१११ शौरसेन १२ संकशा १२६ शौरीपुर ८९,९१,१२९ संघदासगणी बबल बेल्गोल ७७ संघसेन श्रावकाचार दोहा १२१ संतिणाह चरिउ १७,१२३,१३०,५०३ १३८ श्रीकीर्ति ६३,७७ संतुपा (माता वीर कवि) श्रीकुमार ८० ७२,९१,९८,१२२ संदेशरासक श्रीकृष्ण १९,२६,३१ श्रीचन्द्र १६,३५,५१,६१,६२,६३,१२४ संभवरगाह चरित्र श्रीचन्द्र (पुत्र सा० नेमचन्द) संभवनाथ (तीसरे तीर्थकर) प०३-१३७ श्रीदत्त ७६ श्रीधर (श्रेष्ठी) ६८,७०,८६,८७ संसारचन्द (पृथ्वीराजसिंह) ८६,१३० श्रीधर कवि १६,८५,९२,५०२-१३७,१० ३-१३८ सउराजही (पत्नी ज्ञानचन्द) , १२४ श्रीधर ६३,१२८ सकलकीर्ति (भट्टारक) ३१,१३४ श्रीपर (पुरवारवंशी सेठ) ११६ सकलचन्द (भट्टारक) १२५ श्रीपाल (राजा) १०२,११४,१२६ सकलविधि विधान काव्य ५०,५१,५२ शुभकीति सुभकर ७३ संतोष ८७ संभरी
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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