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________________ प्रस्तावना की नामानुक्रम-सूची ८४ १२१ २४ १२६ W १०४ प्रकम्पन ७१ अणुपेहा (अनुप्रेक्षा) १२८ अकबर (बादशाह) १२६ अनुवयरयण पईव (अणुव्रत रत्नप्रदीप) १७,६७,६८ अकलंक ५०,५१,८१,११३,१२४,१२८ ७७,६२ प्रकलंकदेव १६,६३ अणुवेक्खा (अनुप्रेक्षा) १२१ अंग (देश) अणुवेक्खा दोहा अंगदेश ४८,६७ अणुवेक्खारास १२० प्रगरचन्द नाहटा अंतरंगसंधि अर्गलपुर (आगरा) १२६,१०३-१३८ अथववेद टि. ४-१२ अर्गलपुर जिनवन्दना अर्धकथानक १०५ अग्रदेश ६३ अनंगचरिउ अग्रसेन (राजा) अनंगपाल (दिल्ली का तोमर वंशी राजा) १६ अग्रवाल (कुल) ८५,६१ अनंगपाल (तृतीय , , ) ८६,६३ अग्रवाल (वंश) ८२,८४,८७,६३,६४,६६,६७,९८,६६ अनंतकीर्तिगुरु प०१२-१४२ १००,१०२,११६,१२४,१२६ अनन्तमती अग्रोतकान्वय १०० १११ अग्रोहा (नगर) अनन्तमती (मजिका) अग्रोहा (अग्रोदक-जनपद) ६३ अनन्तवीर्य अचलपुर ५३ अनन्त व्रत कथा अंजनचोर १०० अनाथसंधि अजमेर (नगर) ७ अनिरुद्ध (कृष्ण पौत्र) अजमेर पट्ट १३० अनुप्रेक्षा ६५,७६ अजमेरा (गोत्र-खंडेलवाल) प० १२-१४१ अनुप्रेक्षारास अजयपाल (नरेश) ६७,७०,७६ अनेकान्त ८७,१११,११२ (टि.) अजय नरेन्द्र ११६,११७ अनेकान्त वर्ष कि. १०२ अजयराज ११८ अनेकान्त टि०,७४, १०५,११२,१२४,१२६,१३३,१४१ अजयराज (अमरावती के चौहान राजा) प० १२-१४२ अनेकार्थ नाममाला १२६,१२७ मजरी (गाँव) ७५ अपभ्रश व्याकरण १६,३७ अजितनाथ (दूसरे तीर्थंकर) १२७,१२८ अपभ्रंश साहित्य-सूची अजितपुराण १२७ अप्प-संबोह कन्व ६३,६६ प्रणपमिय कहा (अनस्तमित कथा) १११,११५ अंबसेन (गणि) अमृताराधना के कर्ता) प्रणयमी कहा ( , ) ६३,६९ अंबाइय ५०,७९ प्रणंतवय कहा (अनंत व्रत कथा) । १११ अंबादेवीरासउ प्रणहिलपुर (गुजरात का एक नगर) ६२ अंबादेवी चर्चरीरास ३३,३४,५९
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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