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जैन ग्रन्थ प्रशस्ति संग्रह
हरिषेणक कथाकोश, सं० डा० ए० एन० उपाध्ये, सिंधीसीरीज, भा० वि० भवन, बम्बई हिन्दी काव्य-धारा, महापंडित राहुल सांकृत्यायन हिस्टोरीकल ग्रामर अपभ्रंश सन् १९४८ पूना हिस्ट्री आफ इण्डिया, पृ० ३०६ हिस्ट्री आफ गुजरात इन बाम्बे गजेटियर
अपभ्रंश भाषा की अनुपलब्ध रचनाएँ
कर्त्ता दिनकरसेन
ग्रंथ नाम
गंगचरिउ (नंगचरित)
पेहा (अनुप्रेक्षा) अम्बादेवीचचरीरास श्रमयाराहरणा (अमृताराधना )
करकंडु चरिउ (करकंडुचरित्र ) चंदप्पहचरिउ (चंद्रप्रभचरित)
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जसहर चरिउ (यशोधर चरित) झारणपईव (ध्यान प्रदीप )
रणवयारमंत्र ( नवकार मंत्र ) धनदत्त चरिउ ( धनदत्त चरित)
धर्मोपदेशचूडामणि
पउमचरिउ (पद्मचरित )
पउमचरिउ (,, )
पंचमी हा (पंचमी कथा ) पंचमीकहा ( )
महापुराण
महावीरचरिउ ( महावीरचरित) रिट्ठमिचरिउ (हरिवंशपुराण)
वरंगचरिउ ( वरांगचरित) संतिरगाहचरिउ (शांतिनाथचरित)
)
संतिरगाह चरिउ ( सम्यक्त्वकौमुदी सुदंसरणचरिउ (सुदर्शन चरित)
सीहनंदि कविदेवदत्त
गरि अम्बसेन
कवि रघू कवि श्रीधर
मुनिविष्णुसेन श्रमरकीर्ति
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नरदेव
प्रज्ञात
अमरकीर्ति
चउमुह
सेकवि
चउमुह स्वयंभू (त्रिभुवनस्वयंभू)
रइधू अमरकीर्ति
चउमुह
कविदेवदत्त
कविश्रीधर,
कवि देवदत्त
सहरणपाल कवि रइन
कहाँ उल्लेख है हरिवंशपुराण धवल कवि, और वाहुबली चरित कवि धनपाल बाहुबली चरित कवि धनपाल जंबुस्वारिचरित कविवीर हरिवंश पु० कवि धवल, और बाहुबली चरित में
अपने ही ग्रंथों में
अपने पासरगाह व वड्ढमारणचरिउ बाहुबली चरित में अपने षट्कर्मोपदेश में
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बाहुबली चरित में
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अपने षट्कर्मोपदेश में
स्वयंभू के छन्दग्रंथ, और पउमचरिउ
के चौथे पद में
हरिवंश पुराण धवल कवि, और बाहुबलि चरित में स्वयंभू के पउमचरिउ में पउमचरिउ प्रशस्ति में सन्मति जिनचरित प्रशस्ति में अपने षट्कर्मोपदेश में
कव धवल के हरिवंश में (हरिपंडुवारण कहा के रूप में वीरकवि के जम्बूस्वामि चरित में वड्ढमाणचरिउ में
वीरकवि के जम्बूस्वामीचरित में
सन्मति जिन चरित प्रशस्ति में