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५६ हां मोर लाल ५७ मारे लाट ६३ हां कि नारे ६७ दादरा
चौबीमों जिन नवन आर. कहना से आये तुम बार ईना. सौटे काम करी गतिमाई. नेम बिन नहीं रहा दिनरेन. सिद्धन को मीरा नमाऊं. नरमव रतन गमाया. निगि भोजन दुखदाई. श्री यामाजू के प्यार, धरम धन जोडियो मोरी गुल्या. जगत सत्र झुटीगे मोरी गुदयां जातन लगी मोई जाने. मोरी तो मन मोरी माखी. मत बरजो मोरी नाई हमको. जरी तुम कौन ही प्यारी. दुनिये प्राणि सफल मुसकरा. सुन लो बात हमारी. मैं तो सों पूंछो गील मदा. इक तपकी रंगला हुआओ. मैं तो कमी कर कहां जाई. वनज नहीं व्यापार नही. अब जलाय देदारी रूपाय दहीही.