SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 58
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 20 खिलायौ।बर्धमान विख्यातरै प्राणी !?!! श्री महाबीर नमो बरणानी ॥ सासन जेहनो जांणरै ॥ प्रा०॥ प्रवचन सार विचारहीयामै कजि अरथ प्रमाणरे ॥ प्रा० ॥२ ॥ श्री महाबीर नमो बरणानी ॥ : सूत्र बिनय आचार तपस्या॥चार प्रकार समाधिरे ॥ प्रा० ॥ ते करिये भवसागर तिरिय ॥ आतम भाव अराधिरे ॥प्रा०॥३॥ श्री महाबीर नमो बरणानी॥ ज्यों कंचन तिहूँकाल कहीजै ॥ भूपन नाम अनेकरे । प्रा० ॥ त्यों जगनाम चराचर जानी ॥ है चेतन गुन एकरै ।।प्रा०॥४॥ श्री.॥ अपणो आप बिष थिर आतम ।। सोहं हंस कहायरे ॥ प्रा०॥ . केवळ ब्रह्म पदारथ परचे. पुदगल भरम - ... -
SR No.010234
Book TitleJain Gazal Gulchaman Bahar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy