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जप का स्वरूप धर्मकथा भी स्वाध्याय है चार प्रकार की धर्मकथा
५ ध्यान तप
चंचल मन मानसिक एकाग्रता का साधन : ध्यान ध्यान की परिभाषा ध्यान की दो धाराएं आतंध्यान का स्वरूप व लक्षण का रता प्रधान रोद्रध्यान धर्मध्यान का स्वरूप धर्मध्यान के लक्षण व आलंबन चार अनुप्रेक्षाएं धमंध्यान के अन्य प्रकार पिण्डस्थध्यान व धारणाएं धारणाओं के चित्र पदस्पध्यान का स्वरूप बद्ध्यायति तद्भवति सिसुवमा नक्षरध्यान बीजाक्षर शब्द पसंफेत
मपातीतध्यान गुस्नध्यान का स्वाम अमलामान मार लिग वामम्बर