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पायांना
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काटोलग मे निा संचार हो जाता है। यह रप्ट, कारट नहीं किन्तु आनंद ओर मुख प्रतीत होता है । प्रसिद्ध अध्यात्मवादी निलक गमोविजयजी में समोष्टक में गह-~
दृष्टा चेष्टायंसिद्धी फायपोटा हादरपदा,
रत्नादिवपिनादीनां तद यत्रापि माध्यताम् ॥७॥ जना गो मिलि लिए गरी कामाटी दुरामानी नाही लगना, पन आदिको प्रापित लिए पापानी लोग समुत्रों में, पाने में जंगलों में रहा । अगा पीटाएँ मन पारने हैं, फिर भी उन गावाबों में मुगानुमति ही होती है।
ना प्राधा भी आमा भर पोपित सक्षमुशि नि ! वन मान ! आदि को प्राविजिए जो विभिन्न प्रकार का अग, CID आदिमा गरे उसे काट एनी माटानुनहीं, मन मानानुभोली दिपना में पाटाभूमा बह rant में नहीं होगी। रो-नोरमटाना हो फार है, uTER दिमाग मारटों में जाति मालीमा
कांटों की मेजबानी Excam म
लिए मानामा मंदनी मानी grear: गाना माटी
faffarn कामो राजा
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