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कायक्लेश तप
तप के बारह भेदों में प्रथम चारत आहार से विशेष सम्बन्ध रखते है। पांचवें तप में शरीर क्रियाओं का सम्बन्ध है अत: इस तप का नाम है कायलेश तप !
कालेश को परिभाषा कायकनेश का अर्थ है शरीर को कष्ट देना । कष्ट दो प्रकार के होते है--एक प्राकृतिक रूप में स्वयं आना, देवता मनुष्य नियंत्र आदि के उप से प्राप्त होता । यह कष्ट, अनचाहे अपने आप आते है। आप में लारें में टू के पेड़े, वर्षा में आदि
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है ये आते ही है।
हीनान्तु प्राकृतिक नीम के सहत उसी को वापस मनुष्य आदि अपमान करे हि आदि भी करेंसी में भी ना कोई न करना, अपने जाते है। प् 1 दूसरे राष्ट से यकृताना जैसे आप वाकिया, पर विपर
निर्भर नर कोभा नहीं
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