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अनदान तर
उसी स्मृति में रैना ८ में प्रारम्भ गार वंशाणगुस्ता राम एकता उपवास पन्ना वर्गी तप कहलाता है।
(:) च्ह मासी तप-भगवान महावीर १३ बोल के अभिग्रह के समय ५ गाग २५ दिन तम निराहार रहे। उन स्मृति में ५ मास २५. दिन तग एगान्तर तप आदि गारमा घामानी तप कहा जाता
(३) पल्याण तप-प्रत्येक तीमंदर को पंच कल्याणक तिपिपा हैअचमन, जन्म, दीक्षा, कामशान और निर्यान। इन मल्लागम तिचिनों को जावास या साबित करना माल्यापा, रापन तिथियों में अक्षय सानीमा (अपम पारणा) पोष दि १० (पाग्य जगन्ती) पैन मुदि १६ (महावीर जयन्ती) कार्तिक अमावस्या (बीपावली) माक्षि के उपलक्ष्य में अगर लोगा उगान, तथा दीवाली गो बेला मादिगारने।
(४) महापौर तप - भगवान महापौर ने १२॥ या काल में अनेक समस्याएंगीनी छमामोसप, पान माग, २१ शिवम । पार मानी, २ तीन मागो, २ दो मामी, १३ मागी ७२ पाक्षिमता, लेले २२ घेने, १ नाशिमा १ मा प्रतिमा, सतोमा पनि थे। भाजजनीतिन नमानापमान पर गाना गाम, सभा मेले में स्थान पर आपविन पेने, हाशिमा, जो महावीर
(५) पन्दन यावा तरवार पारी में जाने, गमा पनीरममा प्रा. मामा कोही frra
(९) प्रदेशी सपा मसाप हर माता । गोमार सोमवार को AT ARE REL