________________
समर्पण
स्व० गुरुदेव श्रद्धय स्वामी श्री जोरावरमल जी म० एवं परम वैराग्यमूर्ति स्व० गुरुभ्राता स्वामी श्री हजारोमल जी म०
तथा
शांतमूर्ति गुरुभ्राता स्वामीजी श्री व्रजलाल जी म० का;
इन त्रिमूर्ति के कृपा-पूर्ण मार्गदर्शन ने, मेरे जीवन को सदा सही पथ पर बढ़ने का संबल दिया,
और
मंगलमय बनाया
- मुनि मधुकर
मुनि मधुकर