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सदाचार
२२. सीलेण विणा विसया, जाणं विणासन्ति ।
२३.
२४.
२५.
२६.
२७.
- शीलपाहुड २
शील-सदाचार के बिना इंद्रियों के विषय ज्ञान को नष्ट कर
देते हैं ।
णणं चरितसुद्ध थोओ पि महाप होई ।
शीलपाहुड ६
चारित्र से विशुद्ध हुआ ज्ञान यदि अल्प भी है, तब भी वह महान् फल देनेवाला है ।
सीलगुणवज्जिदाणं, णिरत्थयं माणुस जम्म ।
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- शीलपाहुड १५
शालगुण से रहित व्यक्ति का मनुष्य जन्म पाना निरर्थक ही है । जीव दया दम सच्चं अचोरियं बंभचेर संतोसे | सम्मदंसण णाणे तओ य सीलस्स परिवारो || - शीलपाहुड १६ जीव दया, दम, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, सन्तोष, सम्यग्दर्शनज्ञान और तप - यह सब शील का परिवार है । अर्थात् शील के अग हैं ।
सीलं मोक्खम्स सोवाण
शील- सदाचार मोक्ष का सोपान है ।
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- शीलपाहुड २०
ण णावदे, अवट्टमाणो उ अन्नाणी ।
- निशीथभाष्य ४७६१
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जो ज्ञान के अनुसार आचरण नहीं करता, वह ज्ञानी भी वस्तुतः अज्ञानी है ।