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२८४ जैन धर्म के प्रभावक आचार्य
आचार्य सोमदेव का समय जानने के लिए उनके यशस्तिलक काव्य का अष्टम आश्वास द्रस्टव्य है । प्रस्तुत आश्वास मे प्राप्त उल्लेखानुसार यशस्तिलक काव्य की सम्पन्नता का समय वी. नि० १४८६ (वि० १०१६) है। इस आधार पर आचार्य सोमदेव वीर निर्वाण की १५वी (वि० ११वी) सदी के विद्वान् सिद्ध होते है। कृष्णराज तृतीय के वे समकालीन है।