________________
जैनधर्म एक परिचय
अन्य दार्शनिक मान्यताए हैं- सृष्टि शाश्वत है, सुख और दुःख का कर्ता व्यक्ति स्वय है, प्रत्येक पदार्थ उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य-युक्त है तथा मनुष्प-जाति एक है।
जैन-धर्म के मुख्य सिद्धान्त ये हैं--- ० आत्मा है। • उसका पूर्वजन्म एव पुनर्जन्म है । ० वह कर्म की कर्ता है। ० कृत कर्म की भोक्ता है। ० बन्धन है और उसके हेतु हैं । ० मोक्ष है और उसके हेतु हैं। उक्त दार्शनिक विन्दुओ पर विस्तृत चर्चा अपेक्षित है।