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लगभग सवा दोसो पृष्ठकी दलदार इस पुस्तककी सरस सुन्दर सफाईदार छपाई भौर पकी जिल्द होने पर भी मूल्य मात्र ॥). जल्दी मंगवा लीजिये इसकी भी हमारे पास अब बहुत ही कम प्रतिपा रही हैं।
"रलेन्दु" यह एक बडा ही अनोखा अपूर्व उपन्यास है। इसके पढनेसे संसारके वैभवोंकी असारता मालूम होकर वैराग्यकी प्राप्ति होती है। इसमें एक महापुषका पवित्र जीवन लिखा गया है । मूल्य फक्त ।)
बाकी की पुस्तकोंका नाम हम नीचे लिखे देते हैं, पाठको को पुस्तकोंके नामसे ही उनका विषय मालूम हो जायगा । संयम साम्राज्य, ( गुजराती और हिन्दी उपदेश पूर्ण) ... ०-५-० महावीर शासन ... साधु शिक्षा, साधु सध्वियों को टपाल खर्च दो आनेकी टिकट भेजने पर भेट) ...
.-८-० सीमंधरखामीने खुल्ला पत्रो ...
०-४-० उच्चजीवनके सात सोपान
०-२-० शिशु शिक्षा
०-२... चारित्रमंदिर
...२-.. जैनधर्म
०.-४-० आरामनंदन ...
०.२.०० यशोभद्र
༠--༠ हिन्दीका संदेश
.-१.. जातीय शिक्षा
... .--१-० राष्ट्रीयगीतावलि
०-२-० पूर्वोक तमाम पुस्तकें एक साथ मंगवानेवाले महाशयको पोष्ट खर्च माफ किया जायगा ॥
मिलनेका पत्ता-शाह चीमनलाल लक्ष्मीचंद
९५ रविवार पेठ पुणे शहर, पोपटलाल रामचंद शाह,
खादी भंडार बुधवार चौक, पुणे सीटी. तधाः-हिन्दी ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय,
. हीराबाग गिरगांव, बम्बई.
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