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[ घ ] साहित्यानुरागी श्री हनूतमलजी सुराना ने समाज के साधन-सम्पन्न व्यक्तियों के समक्ष अनुकरणीय कदम रखा है। इसके लिए उन्हें सादर धन्यवाद है।
आदर्श साहित्य संघ, जो सत्साहित्य के प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार का ध्येय लिए कार्य करता आ रहा है, इस महत्त्वपूर्ण प्रकाशन का प्रबन्ध-भार ग्रहण कर अत्यधिक प्रसन्नता अनुभव करता है।
अाशा है, सत् आचार के पथिको के लिए यह पुस्तक प्रेरणादायी सिद्ध होगी।
सरदारशहर (राजस्थान) श्रावण शुक्ला ७, २०१७
जयचन्दलाल दफ्तरी
व्यवस्थापक आदर्श साहित्य संघ