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________________ १५ था। जिस समय एटम बम का विस्फोट होता है और यूरेनियम के एटम का विखंडन होता है तो उसमें से न्यूट्रोन निकलते हैं जो यूरेनियम के समीपवर्ती अन्य एटमों का विखंडन करते हैं । यह क्रिया ठीक उसी प्रकार होती है जिस तरह जलते हुए एक कोयले में से निकली हुई चिनगारी पास के कोयले को जला देती है और इस प्रकार थोड़ी देर में सारे कोयले सुलग उठते हैं । विखंडन के समय न्यूट्रोन रूपी चिनगारियाँ तो निकलती ही हैं, उसके साथ-माथ वायुमण्डल में गामा किरणों का विकरण (Radiation) भी होता है। गामा किरणों के इम विकरण को रेडियो सक्रियता (Radio Activity) कहते हैं । ये गामा किरण क्षय किरणों (X-Ray.) से हजार गुना छोटी होती हैं और इस कारण ये न केवल मांस के पार हो जाती हैं बल्कि पैने तीर की तरह हड्डियों के भी पार हो जाती हैं । फलतः हड्डियों के अन्दर की चरबो और रक्त के लाल कण नष्ट हो जाते हैं, शरीर का रक्त नीला पड़ जाता है और मनुष्य धीरे-धीरे वर्षों तक मरता रहता है । इस रोग का अभी तक कोई इलाज वैज्ञानिक नहीं निकाल सके हैं। __ यूरेनियम, थोरियम, रेडियम आदि नाम की जो धातुएँ हैं, इनमें रेडियो सक्रियता प्रत्येक समय विद्यमान रहती है । यूरेनियम की एक डली में अल्फा वीटा गामा किरणं अबाध गति से निरन्तर निकलती रहती हैं और लगभग २ अरब वर्षों में यूरेनियम की आधी डली रेडियम में परिवर्तित हो जाती है। ये ही प्रतिक्रिया रेडियम में भी रात-दिन हुआ
SR No.010215
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorG R Jain
PublisherG R Jain
Publication Year
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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