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१०२
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९५०. "
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३४०००
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१८००० "
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८००० १८८५० ॥
२.००
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मलयगिरि (११-१२ वीं शती) भगवतीसूत्र-द्वितीय शतकवृत्ति ३७५० राजप्रश्नोपांगटीका
३७०० ॥ जीवाभिगमोपांगटीका १६००० ॥ प्रज्ञापनोपांगटीका
१६००० , चन्द्रप्राप्त्पुपांगटीका सूर्यप्राप्तिटीका नन्दीसूत्रटीका
७७३२ , व्यवहारसूत्रवृत्ति वृहत्कल्पपीठिकावृत्ति (अपूर्ण) ४६०० आवश्यकवृत्ति (अपूर्ण) पिण्डनियुक्तिटीका
६७.. ज्योतिष्करण्डकटीका धर्मसंग्रहणीवृत्ति कर्मप्रकृतिवृत्ति पंचसंग्रहवृत्ति षडशीतिवृत्ति सप्ततिकावृत्ति
३७८." वृहत्संग्रहणीवृत्ति बृहत्क्षेत्रसमासवृत्ति
मलयगिरिशब्दानुशासन मलधारी हेमचन्द्र (१२वीं शती) आवश्यकवृत्तिप्रदेश व्याख्या अनुयोगदारवृत्ति
५९०० ॥ विशेषावश्यक भाष्य-पहत्वृत्ति २८०..,, शतक विवरण उपदेश माला सूत्र उपदेखमालावृत्ति जीवसमासविवरण - ४१५००, भवभावना सूत्र भवभावना विवरण
नन्दि टिप्पण मेनियन (१०७२६.) उत्तराध्ययन सुखबोपाटीका १२०००, श्रीचन्द्रसूरि (१२ वीं शती) निशीपचूणि दुर्गपदव्याल्या निमावलिकावृत्ति
६.०, ११२०॥
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९५००,
५००० ॥
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४६.०
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