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'खेमराज" "भिक्खुराज"
"धर्मराज" उनके भव्य जीवन चरित को पाषाण-शिला पर लिख दिया गया। यह 'शिलालेख' आज भी उडीसा प्रांत के 'खण्डगिरि-उदयगिरि' पर्वत पर की 'हाथी गुफा' मे मौजूद है और जैन इतिहास की अमूल्य निधि है। इस शिलालेख में सन् १७० ई० पू० तक खारवेल की जीवन घटनामो का उल्लेख है । उस समय खारवेल की आयु ३७ वर्ष रही होगी। उनका स्वर्गवास लगभग १५२ ई० पू० अनुमान किया जाता है।