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आगति
१५ कर्म भूमि मनुष्य का पर्याप्ता
२३ नवमांसे सर्वार्थ १५
सिद्धिताई
गति
१५ कर्म भूमि, का पर्याप्ता अपर्याप्ता
आगति पृथ्वीपाणी । २४३ वनस्पति में
गति १७६
१०१ असन्नी मनुष्य, ४८ तिर्यंच १५ कर्म भूमि, का, पर्याप्ता अपर्याप्ता ३० एवं १७६ लड़ी का और ६४ जाति का देवता एवं सर्व-२४३ थया
लड़ीका
आगति | १७६.
गति
लड़ीका
तेऊ वाउ काय में
तिर्य चका
४८
लड़ीका
आगत तीन विकलेंन्द्री १७६
| गति
लड़ीका
पंचेन्द्री में | गति
ओगति
लड़ीका १७ असन्नी तिर्यञ्च १७६
१७६ तो लड़ीका, ५६ अन्तरद्वीप ५१
जानिका देवता, १ पहली नारकी १०८ ३६५ का पर्याप्ता अपर्याप्ता २१६ सर्वमिली ३६५ आर्गात १७६ तो लड़ी का, ८१ देवता ७ नारकी
। पर्याप्ता (नवमांसे सर्वार्थसिद्ध ताई १८ सन्नी तिर्यञ्च २६७
टल्या) মারি।
(नवमांसे सर्वार्थ सिद्धताईका टल्या