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( १७५ )
आगति
लड़ीका में से तेउ वाउका ८ टल्या
। १५१ / लड़ीका
१६
असन्नी मनुष्य में
गति
लड़ीका
-
आगति १७१ तो लड़ीका में से, ६६ देवता ६
२० सन्नी मनुष्य २७६ | नारकी
गति
सर्व
२०
२१
२२
आगति १५ कर्म भूमि, ५ सन्नी तिर्यंच देवकुरु उत्तर १० भवनपति, १५ पर्माधामी, १६ वाणकुरु का युग- गति | व्यंतर, १० विझूमका, १० जोतषी, लिया में ) १२८ २ पहिलो दूजो देवलोक, १ पहलो कल्वि
षिक एवं ६४ का पर्याप्ता अपर्याप्ता हरीवास आनति
उपरवत् रम्यकवास। २० का युगलिया गति ६४ जातिका देवता में से १ पहिलो
। १२६ । कल्विपिक टल्यो हेमचय अरु
उपरवत् णवय का युगलियां में
गति । ६४ जातिका देवां मे करिवषिक १ और
१२४ दूजो देवलोक टल्यो ५६ अन्तर
| आगति १५ कर्म भूमि ५ सन्नी ५ असन्नी, २४ द्वीप युगलियां तिर्यंच
गति
५१ जातिका देवांका पर्याप्ता अपर्याप्ता
आगति
२५