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इस पोथी यानी स्याही कागज़ को तो नमस्कार नहीं करते हैं अपितु ब्रह्मज्ञानी के ब्रह्मज्ञान को नमस्कार है कि जिस ज्ञानी से लिखने पढ़ने की बुद्धि प्रगट हुई तथा जिस ज्ञानी ने अक्षरों की मर्यादा अर्थात लिखने की रीति प्रकाश की उनको नमस्कार है शाख अनुयोग द्वारा सूत्र की तर्क० यदि तुम ऐसे कहोगे कि जो पोथी को तुम नहीं पूजो तो फिर पैरलगाओ, तो हम तुमको यह उत्तर देंगे कि किसी पुरुष ने किसी पुरुष को कहा कि तुम किसी सामान्य पुरुष को पूजो तो फिर उस ने कहा कि मैं तो नहीं पूजता इस के पूजने में क्या नफा है तो पूर्व पक्षी बोला कि नहीं पूजो तो ठोकर मारो, उत्तर पक्षी बोला कि ठोकर मारने का क्या मक