________________
( २८४ )
है ॥११॥ बुढापे में व्याह करावे सो मूर्ख ॥१२॥ भोजन औरै भजन करता बात करे तथा हंसे सो मूर्ख ॥१३॥ चिन्ता मेटता बात करे सो मुर्ख ॥१४॥ हजामत करावाता वाद करे सो मूर्ख ॥१५॥ बिन पहचाने के साथ राह चले सो मूर्ख ॥ १६ ॥ पचक्खान लेके याद न करे सो मुर्ख ॥ ९७॥ माता पिता और गुरू की भक्ति कर के मन नहीं हरे सो मुर्ख ॥ १८ ॥ धनवान से और पण्डित से वाद करे सो मुर्ख ॥१९॥ तपस्वी से वाद करे सो मूर्ख ॥ २०॥ पराया बल धन रूप विद्या देख के हिरस करे सो मूर्ख ॥ २१ ॥ हकीम के मिले पै रोग की व्यथा सुना के औषध न खाय सो मुर्ख ॥ २२ ॥ || पण्डित के मिले पै मन का संशय न हरे सो