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जान के संतोष कर, जो तेरा भला होय
और ७ सातवें किसी के खेत की चोरी करनी नहीं और खेत में आग लगानी नहीं तथा पुरानी बाड़ में आग लगानी नहीं तथा बन में आग लगानी नहीं क्योंकि वहां बहुत जीव जन्तु होते हैं वे नाहक मारे जाते हैं और कपास बिना झाड़े लोढनी नहीं और होलें करनी नहीं क्योंकि उन में अनेक कीड़े वृथा ही मारे जाते हैं । सो हे शूद्रजनों ! तुम इतने तो मोटे पाप छोड़ो। __ और ८ आठवें तुम से और तो सुकृत बनना मुश्किल है परन्तु साधु (सन्त) की सेवा भक्ति करा करो अर्थात् भोजन आदिक दान दिया जाय तो यही बहुत सुकृत है क्योंकि जो किसी वक्त साधु सुपात्र पोषे