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वाले को वैसे ही पशु बना के और आप बाज़ और कुत्ते बन के फाड़ २ कर खायेंगे और पूर्वक घने दुःख पावेंगे और फिर बहुत काल के बाद वे पापी जन नर्क से निकल के जेकर मनुष्य होवें तो फिर भी पिछले पाप के अंश से रोगी और दरिद्री होते हैं और उन की स्त्रियों के गर्भ क्षीण हो हो जाते हैं और इत्यादि बहुत दुःख भोगते हैं ( सो ) हे मिथ्यातियो ! तुम मिथ्यात को तजो और स्वात्म तुल्य परात्म सुखाभिलाषी जान के दया घट में धारो जैसे गीता का वाक्य जैन से मिलता है " अहिंसा परमो धर्मः इति वचनात् " और ६ छठे जो खेत में चूहे हो जावें तो उन को ज़हर आदिक की गोली देकर न मारो क्योंकि जीव हिंसा का