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भलाई करे और जो कोई मति हीन ऐसे कहे कि परमेश्वर का ( खुदाका) हुकम है। कि सांप का मारना मुमकिन है तो फिर उस को जैसे कहना चाहिये कि हे भाई ! तैने भी कुछ अकल पाई है क्योंकि जैसे सामना | चाहिये कि जो बिलकुल मतिहीन होगा| वह भी जैसा अन्याय नहीं करेगा कि जो पहिले अपने पुत्र को तथा नौकर को खोटे कर्म सिखावेगा (यानि बे अदबी करनी तथा गाली देनी इत्यादि) और फिर जब वह बे अदबी करने लगे तथा गाली देने लगे तब कहे |कि इसे जान से मार दो । अपितु असे नहीं तो फिर परमेश्वर (खुदा) को तो बड़ा दयालु और न्यायी कहते तो उसनें किस तरह पहले तो सर्प आदिक जीव जहरी बनाये और
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