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भी जो कोई छेड़े और दुखावे तो वह भी सींग मार के पेट फोड़ गेरती है सो हे भाई! दुःखाने से तो सभी दुःखदायक होते हैं चाहे भले हो चाहे बुरे हों और सांप का तो कहना ही क्या है उसने तो बुरा स्वभाव पूर्वले पापों से पाया ही है जैसे कि पूर्व जन्म में पराई संपत्ति और पराया सुख देख २ आप ही आप क्रोध में जला और सौकन की तरह गुरु के और माता पिता के छिद्र देखता हुआ और कटु वचन बोलता भया और फिर दुरकारा हुआ अन बोलने क्रोध बश ज़हर खाय मरता हुआ ऐसे कर्म से सर्प की योनि पाता हुआ है, सो हे भाई ! भले के साथ तो भलाई हर कोई कर लेता है परन्तु भलाई तो उस की सराही जाती कि जो बुरे के साथ