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तथा मकान में सर्प निकले तो उसको पकड़ के कहीं एकान्त छोड़ दो तथा तुम चुप के हो रहो वह आप ही कहीं चला जायगा परन्तु मारो नहीं क्योंकि वह निरपराध है तुम को तो उसने कुछ कहा नहीं है फिर तुम उस को कैसे मारोगे और तुम जो ऐसे कहोगे कि सांप हम को खा जाता है तो हम उत्तर देते हैं कि हे भाई ! सांप विना छेड़े और बिना दवाये तो किसी को नहीं खाता है शायद की बात न्यारी है क्योंकि वह तो आप ही डरता फिरता है और जान को लकोता दश दिश को भागता है और हे भाई! ऐसा कौन है जो छेड़ने से नहीं खाता है देखो जैसे पशुओं में बहुत गरीब और अच्छी जाति गौ की है परन्तु उस को
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