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परन्तु मारो मत जैसे कि गारे में गोबर में वा अग्नि में दाव के मत मारो और जूम लीख मांगन आदिक जीव को जान के बिलकुल न मारो और मारोगे तो अव्वल तो तुम इसी जन्म में बहुत दुःखी हो के कीड़े पड़के मरोगे अथवा जो पिछले पुण्य के करार पूरे न होने से यहा दुःख न होगा तो अगले जन्म में तो बदला ज़रूर देना पड़ेगा, जैसे कि नक में जाके कीड़ों के कुण्ड में गेरे जाओगे और जो तुम ऐसे कहोगे कि ये हम को काटते हैं हम इन को क्या करें तो फिर हम ऐसे कहेंगे कि हे भाई ! इन के पापों से इन को ऐसी ही योनि मिली है और तेरे पापों से तेरे अङ्ग में कीड़े समान उत्पन्न हुए हैं फिर ये अपनी उदर