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दाम मिलते जान के कसाई के हाथ न बेचो क्योंकि तुम ने पशु को पहिले बेटा बेटी की तरह पाला है और उस से काम बहुत लिया है और वह पशु तुम्हारी शरणागत है फिर तुम दो चार रुपये के लालच से कसाई को कैसे देते हो क्योंकि वह कसाई अधर्म नर नर्क गामी मांस चांग के निमित्त उस पशु को तत्काल मार देगा तस्मात् कारणात पशुको कसाई के हाथ न दो और जो देवे तो उसे भी कसाई के समान जानना चाहिये अर्थात् पशुको कसाई के बेचे सो कसाई १ पशु को मारे सो कसाई २ मांस हाड चाम चव बेचे सो कसाई ३ कसाई की दुकान का ग्राहक ( मांस खरीदे ) सो कसाई ४ मांस पावै सो कसाई ५ मांस खाय सो कसाई ६