________________
( २३५ )
आदिक सामग्री मिली है तो फिर अब तप दया दान आदि लाभ लूटो और विना पूजे लेहे चूल्हा चक्की न वर्तों और घुणां हुआ अन्न न पीसो पिसाओ और घुणी हुई लकड़ी न बालो और दाल चावलों का धोवन तथा चावलों का माण्ड और थाली आदि की जूंठ मोरी में मत गेरो ।
क्योंकि मोरी के पहिले कीड़े तो दग्ध हो जायंगे और और नये पैदा हो जायेंगे और चूल्हे के मकान ऊपर चन्दोआ चद्दर तान लो क्योंकि कोई जीव जन्तु पड़जाय तो उस जीव के प्राणों का नाश हो जाय और अपनी रसोई भोजन पानी विगड़ जाय |तस्मात् कारणात् चौके के मकान में चहर जरूर ताननी चाहिये | अरे ! हे बेटा ! तुम