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कर देते हैं और तुम सत्य दया धर्म पाकर कुछ तो २ घड़ी मात्र नियम करो ॥ ___ जो तुम हमारे जैसे यत्न सहित उत्तम कुल में पैदा होके तन, धन का लाभ न लोगे अर्थात् जीव यत्न न करोगे और सत्य शील दानादि शुभ कर्म न करोगे तो और
क्या मलेछों के कुलों में करते जहां प्रातः | काल से सायंकाल तक अशुभ कर्म हिंसा
झूठादिक ही में जाता है ! जैसे कि भाठ झोंकने में तथा घास खोदने में तथा जाल गेरने में तथा मुर्गादि पालने में और पाल के मारने में इत्यादि और अनेक अन्याय कर्म करने में तथा पराई नौकरी ऊञ्च नीचादि में बीतता है इत्यर्थः । सो हे पुत्र ! हे बहु ! तुम्हारे बड़े भाग्य हैं जो जैसी उत्तम कुल
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