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में मत खोवो अपितु इन को सफल करो यथा बुद्धि फल पूर्वक ९ नौ तत्वों का विचारना और देह की श्रेष्टता, व्रत उपवास
और पोषध का धारण करना जैसे कि एक वर्ष के ३६० दिन होते हैं सो जो एक दिन रात निर्जल व्रत करे तो १०००००००००० हज़ार किरोड़ वर्ष के नर्क के बन्धन तोड़े
और जो सर्व आरम्भ को त्याग के एकान्त धर्म स्थान में बैठ के समाधि सहित पोषक पूर्वक व्रत करे तो असंख्यात गुणा फल होय तथा आज कल कलिकाल में १०० वर्ष की उमर प्रकट है सो १०० सौ वर्ष के ३६००० छतीस हजार दिन होते हैं तो हे भव्यपुरुषो! एक दिन तो सफल करो और १ दिन रात के ८ पहर होते हैं तो १०० वर्ष के दो लाख