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५ दांती । ६ कुहाड़ा । ७ घीयाकस । ८ कांटा डोल निकालने का । ९ कोहलू इत्यादि तथा शस्त्र की जाति तथा टोकना कड़ाहा आसमाना इत्यादि उपकरण अपने वर्तने से ज्यादा रखने, सो विवेकवान रक्खे नहीं क्योंकि ज्यादा रक्खेगा तो हर एक मांगके ले जायगा तो वह लेजाने वाला उस उपकरण से षट् काय हिन्सा रूप आरम्भ करेगा तब उसको आरम्भ का हिस्सा आवने से नाहक कर्म बन्ध होंगे इत्यर्थः। ४।
इस ४ चार प्रकार के अनर्थ दण्ड का बुद्धिमान पुरुष त्याग करे यावज्जीव तक तो फिर ऐसे न करे ॥ १ प्रथम कंदर्य सो हांसी बिलास ठट्ठा (मश्करी) काम बिकार के दिपाने वाले गीत राग रागनी दोहा छन्द
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