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विमान वासी देव देवियें तब थेई २ कर मङ्गल गाते हैं तब वह देवता दो घड़ी के भीतर ही ३२ बतीस वर्ष के युवान की तरह युवान होकर चमक के उठ बैठता है और देख कर स्वर्ग की अद्भुत रचना को बहुत आश्चर्य को प्राप्त होता है, तब वे देव देवियें ऐसे पूछते हैं कि तुम ने क्या सुकृत जप तप दान शील रूप करा जो स्वर्गवासी देव हुए हो । तब उस देव को शक्ति है (पूर्व जन्म देखने की) तो वह अपने पूर्व जन्म को देख कर ऐसे कहता है कि मैं अमुक क्षेत्र में अमुक नर अमुकी करनी से देवता हुआ
हूं और अब मेरे पूर्व सजन सम्बन्धी मेरे | तजे हुए कलेवर को दहन करने को ले चले हैं और ऐसे कहते हैं कि न जाने कहांपैदा