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बृजबन के रहने वाला एक दिन रास्ता भूल कर कल्लर स्थान में फिरने लगा और ग्रीष्म ऋतु के प्रभाव से गर्म धूप गर्म पवन और गर्म रेत से पीडित और भूखा प्यासा शीतल जल और छाया को चाहता हुआ फिरता था तब एक बाग और तलाब नज़र पड़ा तो हाथी ने जाकर तलाव में जाकर प्रवेश करके बहुत्त सुख पाया और पानी में लेट २ भूख प्यास और तप्त को बुझाता हुआ सुख नींद में सो गया क्योंकि गर्मी के क्लेश से निवृत्त होगया था ॥
सो इसी दृष्टांत, जो नर्क में प्राणी गर्मी में पड़ा हुआ है यदि कोई पुरुप वहां से उसे |निकाल कर लुहार की भट्ठी के जलते २ खेर अंगारों में सुला देवे तो वहनास जीव हाथी