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असुर पुरी आती है कि जहां भुवनपति देवों का निवास है और जिसको कितनेक मता -- वलम्बी यमपुरी तथा बलिस कहते हैं और उसके नीचे और अशुद्ध पृथ्वी है वहां १० दस प्रकार की तो क्षेत्र वेदना है यथा ( १ ) प्रथम वहां के पैदा होने वाले जीव को अनन्त ही भूख रहती है परन्तु खाने को एक दाना भी नहीं मिलता तस्मात् कारणात् अनन्त क्षुधा वेदना सहते हैं और जो खाय तो अशुद्ध वस्तु ( रुधिर आदि ) विक्रय गत ग्रहण करते हैं ( २ ) द्वितीय ऐसे ही अनन्त ही प्यास वेदना ( ३ ) तृतीय अनन्त ही शति वेदना | यथा लौकिक बर्फ से अनन्त गुण अधिक शीत वेदना ( ४ ) चतुर्थ अनन्त ही गर्मी यथा इस लोक में कोई एक हाथी