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होता है तस्मात् कारणात् काम क्रीडा हास विलास आदि करे नहीं ॥४॥ चौथे पराये नाते रिश्ते सगाई व्याह जोडे नहीं ( करावे नहीं) अपितु किं प्रयोजनें बम्बूल वृक्ष लगाने वत् ॥५॥ काम भोग तीव्र अभिलाषा करे नहीं क्योंकि कामाध्यवसाय में सुमति विनष्ट हो जाती है इत्यर्थः ॥ इति ॥
॥अथ पञ्चमाऽनुव्रत प्रारम्भः॥
पञ्चम अनुब्रत में तृष्णा का प्रमाण करे सो. परिग्रह अर्थात् सोना चांदी और रत्नादि क तथा मकानात खेत माल गाय भैंस और घोडा आदिक की मर्यादा करे जैसे कि मैं इतना पदार्थ रक्खूगा और इतने उपरान्त नहीं रकलूँगा और फिर भी ऐसे न करे पूर्वक मर्यादा उलझे जैसे कि मैने ५०००हजार रुप