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दिक को क्रोध करीने गाढ़ा घाव मारे नहीं ॥३॥ कुत्ते के तथा बैल आदिक के अङ्ग (अवयव) कान पूंछ आदि छेदन करे नहीं॥४॥ ऊंट घोडे बैल गधे तथा गाड़ी आदि पैसामर्थ के प्रमाण के उपरांत भार धरे नहीं॥५॥ नौकर के तथा पशु गाय घोड़े आदिक के (घास) खाने के समय अन्तर दे नहीं अर्थात् भूखे रक्खे नहीं इति प्रथमाऽनुव्रतम् ॥
अथ द्वितीयाऽनुब्रत प्रारम्भः॥ दूसरे अनुव्रत में विना मर्यादा मोटा झूठ बोले नहीं यथा सूत्र कन्नाली गोआली भूआली ॥ “थापण मोसा कूड़ी साख” इत्यादि । झूठ बोले नहीं जब तक जीवे तो फिर ऐसे कभी न करे ? किसी को झूठा कलंक अर्थात् तोहमत लगावे नहीं ॥२॥ किसी के