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जैन तत्वादर्श ग्रन्थ के पत्र ३१ वें पर १९वें अवतार मल्लिनाथ जी का जन्म कल्याण, मथुरा नगरी में लिखा है और एक दिन रात छद्मस्थ रहे लिखे हैं ।
और २२वें अवतार नेमनाथ जी का दीक्षा कल्याण सौरी पुर में लिखा है। ओर पत्र४६७ वें पर लिखा है कि “कृष्णवासुदेव ने महापर्व११शी पोषद पोसा करा" सो देिखलाओ कि कौन से सूत्र के न्याय से तुमने लिखा है। और सावित करो कि कौन से सूत्र में तुम्हारा पूर्वक कथन लिखा हुआ है। और जो नहीं है तो तुम ऐसे कहो के हमने झूठ लिखा है अथवा कहो कि हम भूल गये।
उत्तर पक्षी-जो भूल गये तो फिर छापे का खोट दूर कराओ क्योंकि तुम्हारे रागी,