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भूमिका
उपक्रमणिका
विषय सूची |
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प्रथम भाग -ज्ञान ।
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१ - ज्ञाता ।
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ज्ञाताका लक्षण - हम कौन हैं और हमारा स्वरूप क्या है, जानने की आवश्यकता — देह और देही दोनोंकी भिन्नता — भिन्नतामें सन्देह - सन्देहका निराकरण
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आत्माका स्वरूप, उत्पत्ति और स्थिति ज्ञानगम्य न होने पर भी
विश्वासगम्य है
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ज्ञान और विश्वास में प्रभेद - आत्मा ब्रह्मका अंश है— आत्माकी उत्पत्ति स्थिति के सम्बन्धमें अनेक मत — ज्ञाताकी शक्तियोंके जाननेके उपाय
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२- ज्ञेय ।
ज्ञेयका लक्षण - आत्मा और अनात्मा - ज्ञातासे ज्ञेय या ज्ञेयसे ज्ञाता ? — अभिव्यक्तिवाद कहाँतक ठीक है ? — जगद्विषयक ज्ञान
है या वास्तव ?
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पश्चिमी तार्किकोंके मतसे ज्ञानके तीन नियम कार्यकारण सम्बन्ध भी ज्ञेय विषय है— त्रिगुणतत्त्व — ज्ञेय या पदार्थका प्रकार निर्णय
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